Thursday 9 June 2011

Kabhi Waqt mile to........

कभी वक़्त मिले तो आजाओ, 
हम झील किनारे जा बैठें 
तुम अपने सुख की बात करो 
हम अपने दुःख की बात करें 
और उन लम्हों की बात करें 
जो संग तुम्हारे बीत गए, 
और एहद-इ-खिजान की नजर हुए   
इन सब्ज़ रुतों  के दामन में 
हम प्यार की खुशबु महकाएँ
इन बिखरे सब्ज़ नजारों को, 
हम आँखों में तस्वीर करें  
फिर अपने प्यार के जादू से , 
हम लम्हों को जागीर करें 
कभी वक़्त मिले तो आजाओ, 
हम झील किनारे जा बैठें 

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